ईयू-इंडिया ग्रिड2
यूरोप-इंडिया ग्रिड2 यूरोप-इंडिया ग्रिड प्रोजेक्ट का दूसरा चरण है, आरंभ में जिसके लिए फंड की व्यवस्था अक्तूबर, 2006 से यूरोपियन कमीशन द्वारा की गई थी।
यूरोप-इंडिया ग्रिड का उद्देश्य था :
- ई-साइंस एप्लीकेशंस के लाभ के लिए प्रमुख यूरोपियन ग्रिड इन्फ्रास्ट्रक्चर (EGEE) के साथ इंडियन ग्रिड इन्फ्रास्ट्रक्चर (GARUDA) का इंटरकनेक्शन और इंटरऑपरेटिबिलिटी को सपोर्ट देना।
- अनुसंधान, वैज्ञानिक और औद्योगिक वर्गों की पहचान और समेकन जिससे ई-साइंस नेटवर्क कम्यूनिटी में ग्रिड टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से लाभ हो सकता है।
- बायोलॉजी, हाई एनर्जी और कंडेंस्ड मैटर फिजिक्स तथा स्पेसिफिक आउटरीच और डिसएमिनेशन एक्टिविटिज में पायलट एप्लीकेशंस पर विश्वास करते हुए सृजित नेटवर्क कम्यूनिटी में एडवांस्ड ग्रिड टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल को बढ़वा देना।
- भारत में यूरोपियन EGEE ग्रिड टेक्नोलॉजी की उपलब्धियों का प्रसार करना और भारतीय ग्रिड अनुभवों और कौशलों से सशक्त होना।
इस कंसोर्टियम प्रोजेक्ट में 5 यूरोपियन पार्टनर और 8 भारतीय पार्टनर हैं, जो पूरी तरह सफल रहा है। प्रोजेक्ट में ई.आर.नेट इंडिया की भूमिका भारत और यूरोप के बीच नेटवर्क कनेक्टिविटी बनाए रखने के लिए इंडियन ग्रिड GARUDA और यूरोपियन ग्रिड EGEE के बीच नेटवर्क लेवल का इंटरकनेक्शन उपलब्ध कराना था। यूरोप-इंडिया ग्रिड2 प्रोजेक्ट का प्रस्ताव है कि यूरोप-इंडिया ग्रिड के प्रथम चरण की उपलब्धियों का लाभ उठाया जाए तथा यूरोप और भारत में ई-इन्फ्रास्ट्रक्चर इवोल्यूशन में प्राप्त गति का उपयोग किया जाएष। इसके लिए दोनों देशों के बीच वैज्ञानिक, शैक्षणिक और तकनीकी सहयोग के लाभ के लिए यूरोप और भारत के बीच कायम ई-इन्फ्रास्ट्रक्चर की गतिविधियों पर ध्यान रखा जाए।
विशेष तौर पर, यूरोप-इंडिया ग्रिड2 के मुख्य उद्देश्य इस प्रकार हैं :
- ई-साइंस में यूरोपियन-भारतीय सहयोग के लाभ के लिए यूरोपियन और भारतीय ई-इन्फ्रास्ट्रक्चर के बीच समन्वय में वृद्धि और बढ़ोतरी।
- यूरोपियन-भारतीय सहयोग के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में ग्रिड इन्फ्रास्ट्रक्चर के एक्सप्लॉयटेशन में विशिष्ट उपयोगकर्ता वर्गों को सपोर्ट देना।
- प्रसार की गतिविधियों, बैठकों और वर्कर्शॉपों के माध्यम से यूरोप और भारत में ई-इन्फ्रास्ट्रक्चर की अप्रोच को कायम रखे जाना सुनिश्चित करना।
- एशिया के क्षेत्रों में और पूरे विश्व में अन्य यूरोपियन पहलों को प्रोत्साहन और बढ़ावा देना।
इस दो वर्षीय प्रोजेक्ट की शुरुआत जनवरी, 2010 में नई दिल्ली में की गई थी। इस नए प्रोजेक्ट में छह यूरोपियन पार्टनर और 10 भारतीय पार्टनर हैं। नए प्रोजेक्ट में ई.आर.नेट इंडिया की भूमिका ई.आर.नेट-GEANT लिंक और तदुपरांत TEIN3 का उपयोग करते हुए नेटवर्क इन्फ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध कराना है।