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रोडमैप

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1000 से अधिक उपयोगकर्ता ई.आर.नेट से जुड़े हुए हैं। ई.आर.नेट उपयोगकर्ता इंटरनेट को एक्सेस करने के लिए इस नेटवर्क का उपयोग करते हैं। ई.आर.नेट कुछ उपयोगकर्ताओं को एमपीएलएस वीपीएन भी उपलब्ध करवा रहा है। वीपीएन ई.आर.नेट के माध्यम से अपने उपयोगकर्ताओं को महत्वपूर्ण सेवाएं प्रदान करने की अनुमति देता है, जैसे उपयोगकर्ताओं के आपसी ग्रुपों में वी.सी. की सुविधा। महत्वपूर्ण सेवाओं के लिए ई.आर.नेट बैकबोन का उपयोग किया जाता है।\

ई.आर.नेट के प्वाइंट ऑफ प्रेजन्स प्वाइंट-टू-प्वाइंट लीज्ड सर्किटों के माध्यम से इंटरकनेक्टिड हैं, ये सर्किट बेसिक सर्विस प्रोवाइडरों से लिए गए हैं। इन प्वाइंट-टू-प्वाइंट लीज्ड सर्किटों को ई.आर.नेट के बैकबोन लिंक्स कहा जाता है। इन लिक्स का उपयोग इन्ट्रा पीओपी ट्रैफिक, वैल्यू एडिड सर्विसेज के एक्सचेंज और ई.आर.नेट उपयोगकर्ताओं को ग्लोबल रिसर्च नेटवर्कों को एक्सेस कराने के लिए किया जाता है। ई.आर.नेट के इन्ट्रा पीओपी ट्रैफिक को बैकबोन के माध्यम से ले जाया जाता है। विद्यमान बैकबोन लिंक्स की गति इतनी नहीं है कि जिससे उपयोगकर्ता संस्थानों के इंटरनल ट्रैफिक की बढ़ती मांग को पूरा किया जा सके। सभी उपयोगकर्ताओं को वैल्यू एडिड सर्विसेज उपलब्ध कराने और ग्लोबल रिसर्च नेटवर्क्स के लिए एक्सेस देने में यह बड़ी कठिनाई है।

नेशनल नॉलेज नेटवर्क (NKN) का क्रियान्यवयन राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र (NIC) द्वारा किया जा रहा है।  नेशनल नॉलेज नेटवर्क  का मेन्डेट है कि समस्त विद्यमान नेटवर्कों को आपस में जोड़ा जाए और प्रत्येक उपयोगकर्ता ग्रुप को एमपीएलएस क्लाउड उपलब्ध कराते हुए उसे एक सामान्य हाई स्पीड बैकबोन से जोड़ा जाए। यह सुझाव दिया गया था कि विद्यमान ई.आर.नेट बैकबोन को नेशनल नॉलेज नेटवर्क में माइग्रेट कर दिया जाए। प्रस्तावित ई.आर.नेट बैकबोन का बैण्डविड्थ नेशनल नॉलेज नेटवर्क पर डालने से उसकी गति 1 जीबीपीएस होगी। इससे ई.आर.नेट को बैण्डविड्थ कंजेशन से छुटकारा मिलेगा और उपयोगकर्ताओं के लाभ के लिए उन्हें अतिरिक्त सेवाएं प्रदान की जा सकेंगी।